भारत सरकार में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा सिंधु जल संधि पर किसानों से संवाद का आयोजन पूसा में एपीजे सिंधु हाल में किया गया। कार्यक्रम में हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश के किसानों ने प्रतिभाग किया। किसानों ने सर्वसमिति से सिंधु जल संधि को निरस्त करने का प्रस्ताव पारित किया।
संवाद कार्यक्रम को अशोक बालियान, राजेश सिंह चौहान, धर्मेंद्र मलिक, सलविंदर सिंह कलसी, बाबा श्याम सिंह, रामपाल, हरपाल डागर ने संबोधित किया। भाकियू अराजनैतिक के राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मेन्द्र मलिक ने कहा कि हमें इस संधि पर पुनर्विचार एवं समाप्त करने का निर्णय लेने का कानूनी अधिकार है। अगर देश की नदियों का पानी दुश्मन देश प्रयोग करे तो यह हमारे लिए शर्म की बात है। भारत सरकार किसानों को पानी दिए जाने का कार्य करे तो किसान दूसरी हरित क्रांति लाने को तैयार है। हम भारत सरकार के हर देशहित के फैसले के साथ है। पीजेन्ट्स वेल्फेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक बालियान ने कहा कि वियना कन्वेंशन (वीसीएलटी) के अनुच्छेद 60 और 62 के अनुसार भारत को भौतिक उल्लंघन या परिस्थितियों में मौलिक परिवर्तन के कारण संधि निलंबन करने का अधिकार है। इस सिंधु जलसंधि के निलंबन से भारत के लिए जल प्रवाह पर अधिक नियंत्रणरखने का रास्ता खुल गया है। इस दौरान भाकियू अराजनैतिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश सिंह चौहान, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महेंद्र सिंह रंधावा, राष्ट्रीय महासचिव/प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मांगेराम त्यागी, राष्ट्रीय सचिव उम्मेद सिंह, बाबा श्याम सिंह मलिक, आगरा मंडल अध्यक्ष राजकुमार तोमर ,राजेन्द्र सिंह, विपिन त्यागी राजीव बालियान, सुधीर पंवार, रामपाल, हरपाल डागर, सलविंदर सिंह आदि मौजूद रहे।